दमा : दमा के रोगी को प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 छुहारे खूब चबाकर खाना चाहिए। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और कफ व सर्दी का प्रकोप कम होता है।
छुहारे की गुठली निकाल कर दूध में उबाल कर गाढ़ा कर लें। छुहारे गलने के उपरांत सूखे मेवे डाल कर ओटा लें। यह तैयार दूध बढ़ते बच्चों के लिए गुणकारी होता है।
4 छुहारे एक गिलास दूध में उबाल कर ठण्डा कर लें। प्रातः काल या रात को सोते समय, गुठली अलग कर दें और छुहारे को खूब चबा-चबाकर खाएँ और दूध पी जाएँ। लगातार 3-4 माह सेवन करने से शरीर का दुबलापन दूर होता है, चेहरा भर जाता है। सुन्दरता बढ़ती है, बाल लम्बे व घने होते हैं और बलवीर्य की वृद्धि होती है।
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