सोमवार, 3 अक्तूबर 2016

भृंगराज तेल (Bhringaraj Oil) बालों को बनाये स्वस्थ व मजबूत

भृंगराज तेल ब्राह्मी के प्रयोग से बनने वाला यह तेल बालों को स्वास्थ प्रदान करने के साथ-साथ स्मरणशक्ति बढ़ाने वाला तथा मस्तिष्क की कमज़ोरी भी दूर करता है. इसकी निर्माण विधि एंव उपयोग प्रस्तुत है. भृंगराज एक प्रकार का हर्ब है. जिनको आयुर्वेद रसायन मानता है, जो बढ़ते उम्र के लक्षणों को देर से आने और नवजीवन प्रदान करने में बहुत सहायता करता है. इन सबमें सबसे अच्छी बात इस तेल को लगाने से बालों का झड़ना कम तो होता ही है. साथ ही नए बाल भी उगते हैं.

भृंगराज तेल बनाने के लिए सामग्री – Ingredients For Bhringaraj Oil


  1. भांगरे का रस ढाई लिटर
  2. ब्राह्मी का रस सवा तीन सौ ग्राम
  3. आंवले का रस सवा तीन सौ ग्राम
  4. तिल का तेल पौने दो सौ ग्राम
  5. हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, कचूर, लोध्र, मजीठ, बावची, बरियारा के फूल, चन्दन, पदमाख अनन्त मूल, मण्डूर, मेहंदी, प्रियंगु, मुलेठी, जटामांसी और कूठ – सब 10 – 10 ग्राम.

भृंगराज तेल बनाने की विधि – How To Build Bhringaraj Oil

इन औषधियों को पीस कर लुगदी बना लें. और तीनों रस तथा तेल में मिला कर मन्दी आंच पर पकाएं.
जब सिर्फ़ तेल बचे. तब उतार कर छान लें. ठण्डा करके बोतलों में भर लें.

भृंगराज तेल उपयोग करने का तरीका – How To Use Bhringaraj Oil

यह भृंगराज तेल रोज़ाना सोते समय बालों की जड़ों में लगाकर 15 -20 मिनट हल्के हाथ से मालिश करने से बाल झड़ना और पकना (सफ़ेद होना) बन्द होता है. सिर दर्द नहीं होती. सिर में खुश्क़ी व रूसी नहीं होती. बाल घने, लम्बे, काले और चमकीले बने रहते है. दिमाग़ में ठण्डक और शान्ति बने रहते है.

भृंगराज तेल प्रयोग करने के लाभ – Benefits of Bhringaraj Oil

बालों का विकास होता है और बाल स्वस्थ बनते हैं- आयुर्वेद के अनुसार बाल तब झड़ते हैं जब शरीर में पित्त बढ़ जाता है और भृंगराज इसको शांत करके बालों को बढ़ने और उगने में मदद करते हैं। इस तेल को लगाने से खोपड़ी में रक्त का संचार अच्छी तरह से हो पाता है। भृंगराज तेल के साथ आंवला और शिकाकाई को मिलाने से वह और भी प्रभावकारी रूप से काम कर पाता है।
रूसी को ख़तम करे और असमय बालों का सफेद होना रोकता है- रोजाना भृंगराज तेल से मसाज़ करने पर स्कैल्प में किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होता है। फलस्वरूप रूसी नहीं हो पाता है और बालों का नैचुरल रंग बना रहता है।
तनाव से मुक्त करता है- आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त के बढ़ने के कारण भी तनाव होता है। भृंगराज इस मामले में बहुत काम आता है। जिन लोगों के बाल तनाव के कारण गिर रहे हैं, उनके लिए ये तेल प्रभावकारी रूप से काम करता है।

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