सोमवार, 15 अगस्त 2011
काली चाय के लाभ
हर दिन एक कप काली चाय दिल की बीमारियों से बचा सकती है। इटली के यूनिवर्सिटी आफ लाक्विला के एक नए अध्ययन के अनुसार काली चाय के सेवन से रक्त नलिका की सक्रियता में सुधार होता है और रक्तदाब तथा धमनियों के खिंचाव में कमी आती है जिससे बेहतर का र्डियोवेस्कुलर स्वास्थ्य प्रोफाइल सामने आता है। इस अनुसंधान को लिप्टन इंस्टीट्यूट आफ टी का समर्थन हासिल था। अनुसंधानकर्ताओं ने 19 स्वस्थ पुरुषों (औसत उम्र 33) के समूह को चाय की निर्धारित मात्रा एक सप्ताह में पांच बार दी। हर डोज में कैफीन के स्तर का मानकीकरण किया गया था लेकिन चाय के लेवोनायड की मात्रा शून्य (नियंत्रित डोज) 100 200 400 और 800 मिलीग्राम प्रति दिन पर नियंत्रित की गई। काली चाय के एक मानक कप में करीब 100 से 200 मिलीग्राम लेवोनायड रहते हैं जो किसी व्यक्ति के चाय बनाने के तरीके पर निर्भर हैं। अनुसंधान के दौरान इसमें शामिल लोगों ने प्राकृतिक तौर पर लेवोनायड समृद्ध भोजन और पेय जैसे रेड वाइन तथा चाकलेट से परहेज किया ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लेवोनायड समृद्ध काली चाय के सेवन का ही नतीजा सामने आये। मुख्य अनुसंधानकर्ता और अग्रणी शोधार्थी प्रोफेसर क्लाडियो फेरी ने कहा कि हमारा अध्ययन दिखाता है कि वाणिज्यिक तौर पर उपलब्ध काली चाय सामान्य व्यक्तियों में कार्डियो वेस्कुलर कामकाज को प्रभावित कर सकती है। फेरी ने कहा कि हमने स्पष्ट तौर पर प्रदर्शित किया है कि वेस्कुलर कामकाज प्रति दिन एक कप काली चाय से सुधरता है और दैनिक तौर पर चाय के कप की संख्या बढ़ाने से इसमें सुधार होता जाता है। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि काली चाय का सेवन रक्तदाब घटाता है और धमनियों की दृढ़ता को कम करता है जिससे रक्त नलिकाओं की इलास्टिक क्षमता में सुधार होता है। लिप्टन इंस्टीट्यूट आफ टी में अनुसंधान निदेशक डॉ. पाल क्विनलान ने कहा कि हाल के सालों में बढ़ते वैज्ञानिक अनुसंधान से जाहिर होता है कि नियमित तौर पर चाय के सेवन से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में पर्याप्त लाभ होता है। दुनिया में पानी के बाद सबसे ज्यादा चाय पी जाती है और यह पश्चिमी देशों मध्य एवं सुदूर पूर्व में प्रमुख रूप से उपयोग में लाई जाती है।
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